
"मेरिड टू अमेरिका" फिल्म बनने से पहले ही सुर्ख़ियों में आ गयी है | फिल्म में चीफ इंजीनियर का रोल निभा रहे अहमद खान ने फिल्म के निर्माता/ निर्देशक दिलीप शंकर पर रुपये न देने आ आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है | श्री अहमद खान ने दिलीप शंकर पर आरोप लगाते हुए कहा है की इस फिल्म की शूटिंग के लिए उन्हें साइनिंग अमाउंट के तौर पर एक छोटी सी रकम दी गयी थी और कहा गया था की जैसे ही फिल्म की शूटिंग ख़त्म होगी उन्हें बकाया 50 हज़ार रुपये दे दिए जायेंगे | श्री खान का ये भी कहना था कि 27 फरवरी 2010 को उनके हिस्से का काम खत्म हुया तो उन्होंने फिल्म के निर्देशक दिलीप शंकर से बकाया रुपये मांगे तो उन्होंने कहा कि वो प्रोडक्शन मैनजर शकील अंसारी से संपर्क करे | लेकिन प्रोडक्शन मैनजर ने कहा कि रुपये देने कि जानकारी उनके पास नहीं है| इस तरह श्री खान रुपये के लिए काफी परेशान हुए | श्री खान ने आगे बताया कि मामला यंहा भी नहीं रुका और दूसरे दिन गुलज़ार के कमरा नंबर-311 में निर्माता/ निर्देशक दिलीप शंकर, प्रोडक्शन मैनजर शकील अंसारी के साथ और लोग आये और गाली गलौज करने लगे , दिलीप शंकर ने गाली देते हुए कहा कि अगर तुमने रुपये मांगे तो.......मैं तुमको उठवा लूँगा......जबलपुर से निकल नहीं पावोगे....इसलिए चुपचाप अपना बोरिया-बिस्तर बांधो और यंहा से दफा हो जाओ | श्री खान ने कहा है कि इस तरह एक कलाकार के साथ गाली गलौज करना ये फिल्म के निर्माता- निर्देशक को शोभा नहीं देती वो इस अपमान के खिलाफ जबलपुर में रिपोर्ट दर्ज कराएँगे | इधर इस फिल्म के निर्माता\निर्देशक दिलीप शंकर ने अहमद खान की बातों को नकारते हुए कहा है की वो एक सिनिअर कलाकार है और हम उनकी इज्जत करते है | वो जो कह रहे वो सरासर गलत है अहमद खान को तीन दिन तक शूटिंग के लिए यंहा पर रुकना था लेकिन उन्होंने दो दिन और एक्स्ट्रा रुकने की बात कही और हमने अपने खर्चे पर उन्हें दो दिन और यंहा पर रोका | और वो जो बाकी पेमेंट की बात कर रहे है ऐसी कोई बात उनके और हमारे बीच नहीं हुयी है | उनका जो भी पेमेंट बाकी था वो उन्हें दे दिया गया है | खैर दिलीप शंकर और अहमद खान के बीच पैदा हुआ ये झगडा शांत होने जैसा नहीं लगता है | जबलपुर में इस तरह से एक दुसरे पर आरोप लगाने वाले इन कलाकारों को देखकर लगता है की जब यंहा इतना हो सकता है तो मुंबई जैसे शहर में क्या नहीं होता होगा |
Swagat hai..
ReplyDeleteआपके इस ब्लॉग को पढकर मुझे थोडा कंफ्युशन सा है. आप क्या कहना चाह्ते हैं यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है. मुम्बई फिल्म व्यवसाय में लोग कला की समझ रखते हों या ना हों, बिज़्नेस की अच्छी समझ रख्ते हैं. लिहाज़ा सिक्के के एक ही पहलू से कोई भी अनुमान लगाना जल्दबाज़ी होगी..
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